ब्यूरो संवाददाता
इटावा: आज कई पढ़े-लिखे युवक खेती को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं जिसके उन्हें काफी सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इसी कड़ी में हाल ही में जनपद की रहने वाली पूर्वी ने खेती में एक नवाचार किया है जो काफी सराहनीय है। विदेश में रहकर एमबीए की पढ़ाई करने वाली जनपदवासी पूर्वी ने जनपद में हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत कर जनपद वासियों को स्वास्थ्यवर्धक सब्जी व फलों की सौगात दी है। पूर्वी कहती हैं की कोरोना काल में स्वास्थ्य और पोषण दोनों का महत्व जन-जन ने समझा उसी समय मैंने हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में काम करने का अपना मन बना लिया।
उन्होंने बताया कि बचपन से ही
मेरी मां मेरी प्रेरणा रही है और उन्होंने सिखाया है जीवन में अगर कुछ बेहतर करना
है तो सामुदायिक रूप से भागीदारी जरूर निभाना चाहिए। मेरा उद्देश्य महिला किसान के
रूप में मैं जनपद वासियों को स्वास्थ्यवर्धक फल और सब्जियां सस्ते दामों पर घर
बैठे उपलब्ध कराऊं जिससे सभी जनपदवासी स्वस्थ रहें। उन्होंने बताया इस तकनीक से
सामान्य तकनीक की अपेक्षा सिर्फ 10 प्रतिशत पानी
की जरूरत पड़ती है, साथ ही मिट्टी की भी कोई जरूरत
नहीं होती। बस सूर्य का प्रकाश फसल को मिलता रहना चाहिए। लेकिन जहां सूर्य की
रोशनी नहीं पहुंच पाती वहां कस्टमाइज्ड तरीके से रोशनी की व्यवस्था की जाती है।
पूर्वी ने इसी तकनीक को आधार
बनाकर इटावा शहर से 8 किमी दूर बसे सूफई ग्राम की
जमीन पर ऑटोमेटेड फार्म बैंक टू रूट्स तैयार की और बिना मिट्टी के खेती करने लगी।
इसके माध्यम से ये ओक लेट्यूस, ब्रॉकली, पाक चाय, चैरी-टोमेटो, बेल पेपर और बेसिल की खेती कर रहे हैं। इन सब्जियों की
सबसे ज्यादा होटल्स में होती है और पर्यटक इन्हें पसंद भी करते हैं।
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