संवाददाता आशीष कुमार
इटावा: फलों के राजा कहे जाने वाले आम के पेड़ों पर इस बौर बहुत अच्छा आया है। इस कारण आम उत्पादक किसानों के चेहरों पर खुशियां छाई हैं। वहीं फसल सुरक्षा व अधिक पैदावार के लिए कृषि विशेषज्ञों ने आम उत्पादक किसानों को सलाह दी है।
बौर की अधिकता होने से पेड़ की टहनियां झुक रही हैं। पेड़ों पर आए आम के बौर को देखते हुए इस बार आम की पैदावार बहुत होने की उम्मीद है। आम के देसी व अन्य प्रजातियों के पेड़ों में अच्छा खासा बौर को देखकर किसान इस बार अंदाजा लगा रहे हैं। क्षेत्र के अजनौरा, पाठकपुरा, नगला कंचनियां, जुगौरा, धनुआं आदि ग्रामो में स्थित आम के पेड़ बौर से पूरी तरह ढंक गए हैं। पेड़ों में नजर आ रहे छोटे छोटे फल अच्छी पैदावार का संकेत दे रहे हैं। लेकिन जरूरी है कि इन फल और बौर को झडने से रोका जाए। अप्रैल शुरू में लोगों को बाजार में देशी कच्चे आम मिलना शुरू हो जाएंगे। मौसम के उतार चढ़ाव के कारण इस बार आम के पेड़ों में बौर समय से एक माह पहले आना शुरू हो गया चूंकि वर्तमान में मौसम अनुकूल है। ऐसे में आम की अच्छी पैदावार की संभावना बन रही है।
पिछले साल आम की पैदावार सामान्य रहने और ऊंची कीमतों के कारण फलों के राजा का लोग भरपूर स्वाद नहीं ले पाए थे। पर इस साल मौर से लदे पेड़ों को देखकर आम की अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा रही है। किसान तारा सिंह का कहना है कि इस बार अच्छा बौर आया है इसलिए फसल भी अच्छी होगी। आम टपका के रूप में खाने व खटाई और अचार के रूप में काम आता है। उन्होंने अपने आम के पेड़ो पर अच्छा खासा बौर आने पर खुशी जताई है।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. ललित कुमार का कहना है कि आम की अच्छी पैदावार के लिए उसकी तीन अवस्थाओं फूल, दाना और टिकोरा पर विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इस साल अनुकूल परिस्थितियों के चलते आम की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। इसके लिए उचित प्रबंधन, सिंचाई और कीटनाशकों का छिड़काव चरणबद्ध तरीके से करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फंगस से फसल के बचाव के लिए हेक्साकोनोजोल सवा मिली लीटर प्रति लीटर पानी में प्रयोग करनी चाहिए। साथ ही समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह भी लेते रहना चाहिए।
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