जनवाद टाइम्स संवाददाता
इटावा: दो साल बाद कोरोना का साया हटते ही इस वर्ष बैगेर पाबंद के शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों के समितियों व घर घर विघ्नहर्ता वीराजमान किये गये । गणेश चतुर्थी को लेकर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्साह देखा गया। ऐसे में हालात सुधरने के बाद लोकल के साथ-साथ बाहर से भी बड़ी संख्या में गणेश प्रतिमा बिकने के लिए बाजार में पहुंची, इन प्रतिमाओं में ज्यादातर इस बार कच्ची मिट्टी से तैयार की गई प्रतिमा आई, जिसकी काफी डिमांड है वही कीमत भी बढ़ चुकी है।
गणपति बप्पा मोरिया, ऊं गण गणपति नमो नम: श्री सिद्धि विनायक नमो नम: गजानन महाराज पधारो आदि भजनों से शाम ढलते ही पूरा जिला गूूंज उठा। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल मिलाकर 500 से ज्यादा मूर्तियां विराजित हुईं। घरो और पंडालों में प्रथम पूज्य भगवान गणपति की मूर्तियां विधिविधान से विराजित करायी गईं।जिले के ग्रामीण व शहरी कई स्थानों पर गणपति बप्पा की मूर्तियां स्थापित की गई। भजन मंडलियों द्वारा भगवान गणेश की महिमा का गुणगान किया गया मंदिर परिसर में देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पूजा अर्चना दौरान भगवान को लड्डू और विशेष प्रकार के मोदक अर्पित किए गए। विराजित करने वालों में से किसी ने इन्हे 2 दिनों के लिए किसी ने 5 और 7 दिनों के लिए और अन्यों ने अनंत चतुर्दशी तक के लिए विराजित कराया है।
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