संवाददाता: मनोज कुमार
जसवंतनगर (इटावा): जसवंतनगर के प्रमुख जैन मंदिर श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जैन बाजार में चातुर्मासीय महोत्सव के अंतर्गत 10 दिवसीय कल्पद्रुम महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का शुभारंभ आज अध्यात्म योगी आचार्य आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में प्रारंभ हुआ। जैन धर्म के सर्वोच्च विधानो में से एक कल्पद्रुम महामंडल विधान का आयोजन चातुर्मास समिति द्वारा बहुत ही धूमधाम से प्रारंभ कराया गया।
सर्वप्रथम प्रातः कलशों के साथ अष्ट कुमारी एवं इंद्राणीयाँ कलश लेकर नगर के प्रमुख मार्गो से धूमधाम एवं भगवान के जय घोष के नारों के साथ भ्रमण करते हुए जैन मंदिर पहुंचे जहां पर बेदी शुद्धि आदि मंत्र उच्चारण से प्रतिष्ठाचार्य रवि कीर्ति शास्त्री जी ने संपन्न कराएं। उसके बाद भव्य उन्नत ध्वजारोहण अनीता जैन, एकांश जैन, मणिकांत जैन परिवार द्वारा किया गया। इसके उपरांत भव्य शमवशरण एवं मंडप का उद्घाटन इंद्रजीत जैन, शिवकांत जैन, आराध्य जैन, अमिता जैन, द्वारा आचार्य श्री के पावन सानिध्य मैं किया गया। इस विशाल शमवशरण की महिमा देखते ही बन रही थी। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
शमवशरण एवं कल्पद्रुम महामंडल विधान पर प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री आदित्य सागर जी ने बताया शमवशरण वह स्थान होता है जहां बैठकर तिर्यंच, मनुष्य, देव सब तीर्थंकर भगवान की वाणी को दिव्यध्वनी द्वारा सुनते हैं एवं भगवान के दर्शन कर एवं उनकी अमृत वाणी सुनकर अपने जीवन को सफल करते हैं। चातुर्मास प्रबंध समिति की ओर से बताया गया प्रतिदिन आचार्य श्री के प्रवचन, विधान, भक्ति, महा आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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