ब्यूरो संवाददाता
इटावा: राज्य सरकार का शिवपाल की सुरक्षा में कटौती का फैसला शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेद समाप्त होने और एक बार फिर हाथ मिलाने के बाद सामने आया है। अखिलेश व शिवपाल की नजदीकियों के बाद योगी सरकार ने शिवपाल यादव की सुरक्षा घटाई तो सपा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। पहले अखिलेश यादव ने फिर चाचा शिवपाल ने भी योगी सरकार को आड़े हाथ लिया। डिंपल के लिए प्रचार कर रहे शिवपाल यादव से जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा कम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, भाजपा से इसकी उम्मीद थी और अब जनता और पार्टी के कार्यकर्ता मेरी सुरक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, डिंपल यादव की जीत का अंतर अब और बढ़ेगा। चुनावी जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिवपाल की तुलना फुटबॉल और पेंडुलम से करने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, अखिलेश पहले ही पेंडुलम टिप्पणी पर जवाब दे चुके हैं। जहां तक फुटबॉल का सवाल है, एक अच्छा खिलाड़ी जानता है कि गोल कैसे करना है। अब डिंपल उपचुनाव में एक गोल करेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनसभा में कहा था, मैं एक दिन बयान पढ़ रहा था चाचा शिवपाल का, उनकी स्थिति पेंडुलम जैसी हो गई है। पिछली बार आपने देखा होगा कितना बेइज्जत करके भेजा, कुर्सी तक नहीं मिली, कुर्सी के हैंडल पर बैठना पड़ा था। उन्होंने सलाह दिया, जीवन में कभी पेंडुलम नहीं बनना चाहिए, पेंडुलम का कोई मतलब नहीं होता है। शिवपाल फुटबॉल बन गए हैं, उन्हें फुटबॉल बनने से बचना होगा।
सपा प्रमुख अखिलेश ने आदित्यनाथ को जवाब देते हुए ट्वीट किया था, माननीय शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा श्रेणी को कम करना आपत्तिजनक है। साथ ही ये भी कहना है कि पेंडुलम समय के गतिमान होने का प्रतीक है और वो सबके समय को बदलने का संकेत भी देता है और ये भी कहता है कि ऐसा कुछ भी स्थिर नहीं है जिस पर अहंकार किया जाए।
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