ब्यूरो संवाददाता
इटावा: हम सभी यह जानते है कि पूरे भारत में सिर्फ मच्छर ही मलेरिया और डेंगू जैसी ही अन्य भी गंभीर बीमारीयों को फैलाते है और सिर्फ मात्र गेंबुसिया मछली के सिवा मेढक हो मच्छर के लार्वा को खाते है। एक मेढक एक दिन में लगभग 250 मच्छरों को ढूंढ ढूंढ कर शिकार कर खा जाते है और मनुष्य को डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाते है। पूर्व में इन मच्छर जनित रोगों ने ही लाखों मनुष्यो की जान भी ली है। मेंढकों के प्रकृति में इसी महत्व को देखते हुए यूपीएस यासीनगर के कम्पोजिट विद्यालय में मेढकों को बचाने के लिए आयोजित किये गये
एक दिवसीय जनजागृति कार्यक्रम सेव द फ्रॉग्स कार्यक्रम के संयोजक वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डा आशीष त्रिपाठी ने विद्यालय के सभी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि, हमें हमारे पर्यावरण मित्र मेढकों का संरक्षण अवश्य ही करना चाहिए। विदित हो कि 15 वर्ष पूर्व अमेरिकी पर्यावरणविद डा केरी क्रिगर ने सेव दी फ्रॉग्स इंटरनेशनल की स्थापना की थी और भारत में महर्षि दयानंद सरस्वती अजमेर के पूर्व कुलपति रहे प्रो के के शर्मा को पिछले चार दशकों से किए जा रहे उनके मेढकों के संरक्षण के कार्य को देखते हुए अपनी संस्था सेव दी फ्रॉग इंटरनेशनल का भारत में प्रेसिडेंट भी नियुक्त किया था। इसी प्रकार प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को भारत सहित पूरा विश्व यह विशेष दिवस मनाकर विभिन्न स्कूल,कॉलेज विश्व विद्यालयो में जाकर सभी को मेढकों के संरक्षण का संदेश भी देता रहता है। इस कार्यक्रम में लगभग के 150 विद्यार्थियों ने मेढकों के संरक्षण के बारे में डॉ आशीष त्रिपाठी से विस्तृत जानकारी प्राप्त की,और भविष्य में उनके संरक्षण की शपथ भी ली।
इस कार्यक्रम में सहयोगी डॉ पीयूष दीक्षित प्रधानाध्यापक मो0 सुलतान सहित सहा0 अध्यापकों में आनंद कुमार मिश्रा (ब्लॉक स्काउट मास्टर ,बसरेहर) श्रीमती परवीन अख्तर, उमलेश शाक्य, रन्नो देवी, संध्या यादव, रेणुका दोहरे, शिक्षा मित्र राममिलन, रंजना देवी, अरुणा,ग्रामीण प्रदीप शाक्य, प्रमोद कुमार,रमेश शाक्य,आंगनबाड़ी से प्रभादेवी मौजूद रही। इसी के साथ देर शाम एक ऑन लाइन वार्ता कार्यक्रम भी आयोजित हुई जिसमेंअजमेर से प्रो के के शर्मा, जनपद इटावा से वन्यजीव विशेषज्ञ डा आशीष त्रिपाठी एवम एसडी इंटर कालेज इटावा के जीव विज्ञान प्रवक्ता एवम विभागाध्यक्ष अवधेश यादव,अजमेर के पुष्कर से डॉ अमित भट्ट और उनकी पुलिस मित्र टीम,मध्य प्रदेश के सागर से अमन बिसवास,जैसलमेर से विकास मोहता, अजमेर से देवेंद्र यादव, भदोही से डॉ आशुतोष सहित कई अन्य विद्वान् वार्ता में जुड़े और मेढकों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की।
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