ब्यूरो संवाददाता
इटावा : कटरा शहाब खां स्थित दरगाह अबुल हसन शाह वारसी से हज़रत कासिम की याद में मेहदी का जुलूस परम्परागत तरीके से शानोशौकत के साथ निकला जिसे जुलूस के सेकेट्री हसनैन वारसी हनी ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
मेहदी का नेतृत्व गुजरात से आये बाबा महबूब शाह वारसी ने किया। मेंहदी का जुलूस दरगाह वारसी से परम्परागत तरीके से उठा और मोहल्ला शाहकमर, उर्दू मोहल्ला, नोरंगबाद चौराहा, पुल कहारान, तिकोनिया, कोतवाली चौराहा, पचराहा, राजगंज, तहसील चौराहा, सैदबाड़ा, साबित गंज, नया शहर, रामगंज चौराहा होकर दरगाह वारसी पर समाप्त हुआ। जुलूस में अलम, चौकी, मेहदी और बैंड शामिल थे। बैंडों पर शहीदाने कर्बला के मरसियों सहित इस्लाम जिंदा रहता है कर्बला के बाद, अली का दामन नहीं छोड़ेंगे, हुसैन जिंदाबाद हुसैन जिंदाबाद की धुने बज रही थीं। मेहंदी की हजारों लोगों ने जियारत कर मन्नतें मांगी। सबसे खास बात यह रही कि प्रशासन के निर्देशानुसार मेहदी का जुलूस अपने निर्धारित समय पर समाप्त हो गया। मेंहदी के जुलूस में सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मौजूद रहा। मेंहदी के जुलूस में हनी वारसी, मुमताज चौधरी, राहत अक़ील, हाजी दानिश वारसी, तहसीन इलाही वारसी, साजिद वारसी, जावेद हसन वारसी, हाजी शहजाद वारसी एडवोकेट, रईसुद्दीन वारसी, ममता चौधरी, हाजी इनायत उल्लाह वारसी, जलील वारसी, फरीद वारसी, गफ्फार वारसी, खादिम अब्बास, डॉक्टर अयाज अली, इंतिजार अहमद, हाजी अजीम वारसी, शावेज़ नक़वी, नदीम वारसी सहित तमाम लोग शामिल थे।
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