संवाददाता: मनोज कुमार
जसवंतनगर (इटावा): विश्व धरोहर मैं शामिल मैदानी राम लीला में गुरुवार को रावण की बहिन सूर्पनखा की नाक काटी गई और राम लक्ष्मण द्वारा अत्यंत बलशाली खर - दूषण एवं त्रिशिरा का वध किया गया। अन्त में रावण और मामा मारीच के बीच मंत्रणा हुई।
लीला में दर्शाया गया कि राम, लक्ष्मण एवं सीता दंडक वन में घूम रहे थे तभी रावण की बहिन सूर्पनखा की नजर उन पर पड़ गई। वह रूपसी स्त्री का रूप रखकर उनके पास पहुंची और कभी राम से कभी लक्ष्मण से शादी का प्रस्ताव रखती। दोनों द्वारा स्वयं के शादीशुदा होने के कारण शादी से इनकार कर दिया जाने के बाबजूद उनके पीछे पड़े रहने पर लक्ष्मण ने गुस्से में उसके नाक कान काट डाले। सूर्पनखा रोती हुई वहां से चली गई।
इसके बाद वह दंडक वन के राज पाल और रावण के रिश्ते के भाई खर और दूषण के पास पहुंची उनसे उसने अपनी व्यथा सुनाई और बताया कि दंडक वन में एक स्त्री के साथ दो राज कुमार घूम रहे हैं उन्होंने हमारी यह दशा कर डाली है। उसकी बात सुनकर खर और दूषण सेना लेकर चल दिए। वहां पहुंचकर खर तथा दूषण ने राम लक्ष्मण को ललकारा। भारी वाण वर्षा कर राम लक्ष्मण ने सेना सहित खर, दूषण तथा त्रिशिरा जैसे बलशाली राक्षसों का अन्त कर दिया।
रावण अपने दरबार में बैठा अप्सराओं का नृत्य देख रहा था तभी सूर्पनखा वहां पहुंची और अपना दुखड़ा रोया।रावण ने उससे पूछा की तुमने खर दूषण को नहीं बताया इस पर सूर्पनखा ने कहा कि दोनो राज कुमारों ने सेना सहित उनको भी मार डाला है। इस पर रावण चौंका और बोला। "खर दूषण दोऊ भाई, मो सम बलवंता। उन्हें मार सके ना कोई, बिनु भगवंता। इसके बाद वह मामा मारीच को बुलाकर मंत्रणा करता है। रावण के दरबार में अप्सराओं का नृत्य देखने को भारी भीड़ जुटी रही। शुक्रवार को सीताहरण की लीला रामलीला मैदान में दर्शाई जाएगी।
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