संवाददाता: मनोज कुमार
इटावा (सैफई) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई में टीबी रोगियों की बेहतर जांच के लिए एलपीए लाइन-2 लैब को मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया है। कुलपति प्रो. डॉ प्रभात कुमार सिंह ने एलपीए सेकंड लाइन लैब को भारत सरकार द्वारा मिले प्रमाण पत्र के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीम को बधाई दी।
उत्तर प्रदेश टास्क फोर्स वाइस चेयरमैन व संकायाध्यक्ष व रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. आदेश कुमार ने बताया कि टीबी संक्रमित गंभीर मरीज जिन पर टीबी के इलाज से जुड़ी अधिकतर दवाइयां बेअसर साबित होती हैं उन मरीजों को एक्स्ट्रा ड्रग रेजिडेंस टीबी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि एलपीए लैब में ही फर्स्ट लाइन द्वारा टीबी रोगियों की पहले से ही जांच की जा रही थी अब सेकंड लाइन लैब का भी प्रमाणीकरण हो गया है इससे अब टीबी रोगियों को शहर के बाहर इलाज और जांच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। रोगियों की बेहतर जांच के लिए लैब में इन मरीजों की बलगम से बैक्टीरिया का जीन निकालकर परीक्षण किया जाएगा फिर दवाइयां की सेंसिटिविटी देखी जाएगी परीक्षण के परिणाम अनुसार मरीज की टीबी की दवा चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी रोगी यदि टीबी की जांच कराना चाहता है तो वह ओपीडी रूम नंबर 27 में आकर दिखा सकता है बलगम की जांच रूम नंबर 16 में की जाती है। उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों की जांच हमारे एलपीए एल-2(लाइन प्रोब ऐसे) लैब में की जाएगी जिससे टीबी रोगियों को उचित इलाज तो मिलेगा ही साथ ही मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इस लैब की स्थापना से टीबी से जुड़े शोध कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा और रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग व माइक्रोबायोलॉजी विभाग व अन्य विभागों के सीनियर रेजिडेंट एवं जूनियर रेजिडेंट अपने शिक्षकों की देखरेख में बेहतर शोधकार्य भी कर सकेंगे और इसका फायदा भविष्य में बेहतर टीबी के इलाज में भी मिलेगा।
यूपीयूएमएस के माइक्रोप्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. डॉ अमित सिंह ने बताया कि एलपीए लैब मे ही फर्स्ट लाइन और अब सेकंड लाइन ड्रग टैस्टिंग सुविधां उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2023से अबतक 1000 से ज़्यादा एलपीए फर्स्ट लाइन जाँच हो चुकी है। मरीजो के बलगम अन्य ज़िलों ( औरैया, मैनपुरी ) से भी आते है। ग्रामीण क्षेत्र में यूपीयूएमएस पहली लैबे(एलपीए लाइन 2) है। एएमयू के बाद यह उत्तर प्रदेश की दूसरी ऐसी कल्चर डीएसटी लैब होगी जिसमें एलपीए लाइन 2(लाइन प्रोब ऐसे) लैब के माध्यम से गंभीर टीबी से ग्रसित एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस), एक्सडीआर (एक्स्ट्रा ड्रग रेजिस्टेंस) टीबी की जांच कर सही समय में सही इलाज टीबी रोगियों को प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस लैब में मॉलेक्युलर टेस्टिंग के लिए टीबी रोगी के बलगम से टीबी के बैक्टीरिया का जीन लेकर तीन दिन तक पांच ड्रग के साथ परीक्षण किया जाएगा जिससे जिनोटाइपिक दवा संवेदनशीलता परीक्षण के बीच किसी भी विसंगति को समझने और प्रबंधित करने में सहायता मिलेगी।
यूपीयूएमएस में टीबी की जांचे
प्रो. डॉ. अमित सिंह ने बताया कि वर्तमान में टीबी की जांचों के लिए टीबी रोगियों को दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा सारी जांचें निशुल्क यूपीयूएमएस में ही होंगी। उन्होंने बताया कि अत्यंत आधुनिक सीबी नेट, कल्चरल डीएसटी लैब,एलपीए एल-1(लाइन प्रोब ऐसे), एलपीए एल-2 लैब में निशुल्क जांच की सुविधा है।
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