Etawah News: माधव श्री जी सेवा संस्थान में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन हुआ कृष्ण लीला गोवर्धन पूजन का वर्णन
संवाददाता: मनोज कुमार
इटावा/जसवंतनगर: माधव श्री जी सेवा संस्थान पिपरादी रोड़ सिसहाट धाम पर बाबा खाटू श्याम मंदिर एवं वृद्धा आश्रम क़ी पहली वर्ष गाँठ पर साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा का पांचवा दिन सरस कथा वाचिका परम पूज्य गुंजन किशोरी शास्त्री के मुखार बिन्द से कृष्ण लीलाओं का जीवंत वर्णन तथा गोवर्धन पूजन किया गया
बताया ज़ब भगवान श्री कृष्ण मांटी खा लेते है तो मैया यशोदा कान पकड़ कर भगवान का मुँह खुलवाती है जैसे ही भगवान अपना मुँह खोलते है तो मैया यशोदा को मिट्टी क़ी जगह सारे ब्रह्माड के दर्शन करा देते है ये सब दृश्य देखकर मैया आश्चर्य चकित हो जाती है उसकी कुछ समझ में नहीं आता है गोबर्धन पूजा पर बताया गोकुल बासियों को इंद्र के प्रकोप से बचने के लिए भगवान कृष्ण अपनी ऊँगुली पर गोबर्धन पर्वत को उठा लेते है
इंद्र ने लगातार सात दिनों तक वारिस क़ी फिर उसका पानी कहाँ गया बताया एकवार माँ सीता ने संतों क़ी परीक्षा लेनी चाही और राम से बोली हमको आज तक ऐसा कोई संत नहीं मिला जिसे हम भरपूर भोजन खिला सकती. भगवान राम सीता के मन की जान गये तो उन्होंने अगस्त मुनि को बुला लिया और सीता से कहा इनको भोजन कराना है
रसोई में खाना बनने लगा तो अगस्त को खाना खाने को बैठा दिया गया सीता देखती जा रही है ये संत तो खाने के लिए तो मना ही नही कर रहे है. उनका जितना राशन था वह सब खत्म होने लगा तो उनको फिर राम की ही याद आई राम ने कहा क्या बात है सीते, तो सीता ने बतलाया सारा राशन तो खत्म होने बाला है और इस संत का पेट ही नहीं भर रहा है तब राम ने बताया कि चार पत्ते तुलसी के मिला दो. जैसे ही सीता ने ये सब किया तो संत को तुरंत डकार आ जाती है. अब वो पानी मांगते है तो सीता डर जाती है ज़ब इन्होने भोजन इतना खाया है तो पानी कितना पियेंगे. राम ने कहा अगस्त मुनि जी महाराज इस युग में हम मर्यादा में हूँ ज़ब हमारा अगला अवतार कृष्ण रूप में होगा तब हमारी कोई मर्यादा नहीं होगी. हम सोलह क्लाओं से परिपूर्ण होंगे तब आप जितना पानी पीना चाहो पी लेना आज अगस्त मुनि पर्बत पर बैठे है इंद्र ने जितना भी जल बर्षाया था सारा का सारा अगस्त मुनि ही पी गये।
कथा के दौरान श्रोताओं को भीषण गर्मी को बढ़ता देख संस्थान के व्यवस्थापकों के द्वारा मीठा शर्बत पानी का वितरण किया गया जिससे श्रोताओं में कथा वाचिक के भजन सुन कर रसमय रसोपान होकर खूब थिरके।
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