संवाददाता ऋषिपाल सिंह
चौबिया/इटावा- बसपा के नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ मारपीट को लेकर पूर्व चौबिया प्रभारी मंसूर अहमद के विरुद्ध मारपीट व एससी,एसटी एक्ट के तहत कोर्ट के आदेश पर मुकद्दमा दर्ज कर जांच के आदेश दिये है। मंसूर अहमद इस समय उसराहार थाने में थानाध्यक्ष है।
चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम मूँज निवासी बलवीर सिंह जाटव ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि दिनांक 8 जनवरी 2024 की मध्य रात्रि को मंसूर अहमद उनके पड़ोसी अर्जुन पुत्र धर्मवीर को जो अनुसूचित जाति से है को जाति सूचक व माँ-बहिन की गालियां देते हुए मारपीट कर रहे थे बाहर का शोर सुनकर जब पीड़ित घर के बाहर निकला और घटना का कारण जानना चाहा कि वह उक्त व्यक्ति के साथ मारपीट क्यों कर रहे है तो मंसूर अहमद ने पीड़ित के चबूतरे पर चढ़ कर उसको भी जाति सूचक व माँ-बहिन की गाली गलियां देनी शुरु कर दी और पीड़ित को जमीन पर गिरा कर लात घूसों से पीटा व पुलिस बल के साथ जमीन पर घसीटा, इस घटना का एक वीडियो भी बना लिया था लेकिन बाद में मंसूर अहमद ने उसे डेलेट कर दिया। ग्राम के अन्य दो लोगो ने उसे जान से मारने की धमकी दी व किसी से भी कोई शिकायत करने पर पीड़ित को झूठे मुकद्दमे में फसाने की धमकी भी दी। प्रार्थी ने घटना की शिकायत एसएसपी समेत अन्य आला अधिकारियों से डाक के माध्यम से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। फिर प्रार्थी ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखकर उचित कार्यवाही की मांग की, न्यायालय के आदेश पर ही चौबिया थानाध्यक्ष को मुकद्दमा दर्ज के विवेचना का आदेश दिया है।
नोट- किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार, जाति सूचक शब्द, गाली गलौज व मारपीट करे, यदि कोई ऐसा करता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में वर्णित समानता के अधिकारो का उल्लंघन होगा, यदि कोई पुलिसवाला आपके साथ ऐसा करता है तो आप उसके विरुद्ध शिकायत कर सकते है और IPC के सेक्शन 323, 504, 506 और 330 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
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