संवाददाता आशीष कुमार
इटावा : सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कांधनी के पंचायत घर के अंदर मैदान में लगभग 4 फीट लम्बा एक खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा सर्प आकर बैठ गया। तभी वहां खेल रहे बच्चों की नजर उस ब्लैक कोबरा सर्प पर पड़ी और वे सभी उसे देखकर बेहद ही डर गए। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय निवासी अवनीश राजपूत को सूचना दी और अवनीश ने वन्यजीव एवम सर्प विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को कॉल कर मौके पर बुलाया। डॉ आशीष ने उस 4 फीट लम्बे कोबरा सर्प को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर सभी बच्चों को भय मुक्त कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शी अवनीश राजपूत ने बताया कि, हम सभी पिछले एक घण्टे से परेशान थे और हमे इस खतरनाक कोबरा सर्प को देखकर हमे बहुत डर भी लग रहा था क्यों कि इस पंचायत घर के बाहर बने मैदान में छोटे बच्चे रोज ही खेलते रहते है लेकिन अब सर्पमित्र डॉ आशीष के द्वारा सांप का रेस्क्यू करने के बाद से हम सबका डर खत्म हो गया है।
नगर पालिका परिषद इटावा के पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के ब्रान्ड एम्बेसडर ओशन महादचिव डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि, यह एक लगभग 4 फीट लम्बी नाजा नाजा प्रजाति की मादा कोबरा थी। जिसमे खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम पाया जाता है जिसके दंश का इलाज सिर्फ एंटीवेनम से ही संभव होता है जो कि, जिला अस्पताल इटावा (मोतीझील) के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर तीन में मौजूद है।
डॉ आशीष ने बताया कि आज कल बेहद ठंडे मौसम के कारण ये सर्प अत्यंत कष्ट में है और कहीं गर्म जगह में छिपकर अपने प्राणों की रक्षा करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। क्यों कि अधिक ठंड से इनका रक्त जमने लगता है और तापमान बेहद कम होने के साथ छिपने का उचित स्थान न मिलने पर इनकी मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन अच्छी बात यह भी है कि,सर्दी के ठंडे मौसम में ये किसी पर भी कभी हमला नही करते है।
डॉ आशीष ने स्थानीय ग्रामीण जनों की उपस्थिति में कोबरा सर्प को रेस्क्यू के बाद वन विभाग इटावा के दिशा निर्देशन में उसके प्राकृत वास में ले जाकर सुरक्षित छोड़ दिया।
जनपद इटावा में सर्पमित्र डॉ आशीष लगातार जनता की सर्पदंश से अमूल्य जान बचाने के साथ साथ अब तक हजारों वन्यजीवों को भी सुरक्षित रूप से उनके प्राकृतवास में पहुंचाकर उन्हें जीवन दान दे चुके है । जनपद इटावा की जनता अब सर्पदंश से पूर्ण रूप से भयमुक्त भी हो चुकी है।
संस्था ओशन के द्वारा जनपद में पिछले 7 वर्षों से चलाए जा रहे सर्पदंश जागरूकता अभियान से प्रेरित और जागरूक होकर ग्रामीणजन सर्पदंश के बाद अब कोई भी झाड़ फूंक न कराकर सीधे ही समय से जिला अस्पताल आकर सर्पदंश का सुरक्षित इलाज कराने लगे है। राज्य आपदा के क्रम में जनपद में सर्पदंश के बाद अंधविश्वास छोड़कर निर्धारित समय में ही पीड़ित का अस्पताल पहुंच आना यह अब तक का एक बहुत ही बड़ा सामाजिक बदलाव भी माना जा रहा है।
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