ब्यूरो संवाददाता
इटावा : वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है मैनपुरी जनपद से कोलकाता तस्करी के लिए ले जाये जा रहे सुंदरी प्रजाति के 528 कछुओं को तस्कर सहित वन विभाग एवं स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है।
डीएफओ इटावा अतुल कांत शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि मुखबिर की सूचना पर मैनपुरी जनपद से आ रहे ट्रक को रोककर चेक किया गया जिसमें सुंदरी प्रजाति के 528 कछुए भरे थे जिन्हें दिल्ली से होते हुए कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश की राजधानी ढाका ले जाने की तैयारी थी आज देर रात्रि 3 बजे वन विभाग इटावा एवं स्पेशल टास्क फोर्स की मदद से तस्कर गिरेंद्र सिंह निवासी ग्राम नगला जैंखा थाना बिछवा ज़िला मैनपुरी को हिरासत में लिया गया पूछताछ में तस्कर द्वारा कुछ स्थानीय सफेदपोश नेताओं के नाम भी सामने आए है जिनकी जांच शुरू हो गई है।
डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने इस बड़ी बरामदगी के लिए वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल और यूपी एसटीएफ की पूरी टीम को विशेष धन्यवाद दिया । उन्होंने बताया कि अक्सर जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे का ही फायदा उठाकर ऐसे तस्कर सक्रिय हो जाते है और बड़ी सप्लाई करने के लिए निकलते है।
आखिर क्यों होता है इन कछुओं का अवैध शिकार
आज बरामद हुई इस मीठे पानी की बहुमूल्य प्रजाति का जन्तु वैज्ञानिक नाम लिसमस पंकटाटा है जिसे इंडियन फ्लैप शैल टर्टल भी कहते है जो एक चिकने मुलायम और हरे कवच की सुंदर प्रजाति है जिस पर पीले पीले स्पॉट पाए जाते है। देखने मे सुंदर लगने के कारण ही इसे सुंदरी भी कहा जाता है। पश्चिम बंगाल में इनका मांस ऊंचे दामों पर होटल में ग्राहकों को परोसा जाता है साथ ही साथ यौन वर्धक दवाओ को बनाने के लिए इनका अधिक शिकार किया जाता है। कुछ लोग बंगाल में शादी विवाह मे इसे खाना शुभ मानते है जो कि एक बड़ा अंधविश्वास भी है। सुंदरी नामक कछुए की यह प्रजाति वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है और इनका शिकार या अवैध व्यापार एक दंडनीय अपराध है।
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