संवाददाता: मनोज कुमार
जसवंतनगर /इटावा: शुक्रवार आज नगर मे आचार्य श्री 108 सुबल सागर के शिष्य मुनि श्री 108 अभेद सागर महाराज जी मुनि श्री 108 अर्गभ सागर महाराज सहित तीन पीक्षी अहिंसा तीर्थ क्षेत्र कुनैरा से होता हुआ जसवंतनगर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मे मंगल प्रवेश हुआ समाज के युवा वर्ग महिला माताओ व बच्चों व बुजुर्गो सहित सकल दिगम्बर जैन समाज ने गुरुदेव की आगवानी की. इस दौरान जैन समाज ने जगह- जगह रोककर गुरुदेव की आरती उतारी व पाद प्रछालन किया।
मंदिर पहुंच अभेद सागर महाराज ने प्रवचन के माध्यम से कहा की समय किसी का इंतजार नहीं करता समय से जाग गए तो जीत है नहीं तो जीवन मे हार निश्चित है उन्होंने कहा की जैसे व्यापार मे भाव और समझ एक साथ मिल जाये तो लाभ होता है अपने जीवन मे समय -समय पर अपना मूल्यांकन करना चाहिए जिससे कि हमें ज्ञात होता रहे कि हमारे द्वारा किये जा रहे कर्म हमको सदगति देंगे या दुर्गति साथ ही मनुष्य के जीवन के बारे मे बताया की धर्म कर रहा वही मनुष्य है वाकी सब त्रियच समान है इसलिए मनुष्य जन्म को सार्थक करना है तो धर्म का सहारा लेकर सद मार्ग पर चलकर अपना कल्याणक कर अपने मनुष्य जन्म को सफल बनाये अगर्भ सागर ज़ी महाराज ने अपने उद्बोधन मे कहा कि हम सभी के पूर्व भव के पुण्य का उदय है जिससे हम सभी को जिनवाणी गुरु व देव दर्शन मिल रहे है हम सभी और पुरषार्थ जाग्रत कर अपना कल्याण कर जीवन सफल बना सकते है आपको बता दे कि तपस्वी सम्राट सन्मति सागर ज़ी के अंतिम शिष्य सुभग सागर महाराज के सुयोग्य शिष्य इटावा से सटे 50 किलोमीटर की जैन नगरी का भ्रमण करते हुए बरासो मध्यप्रदेश मे पहुँचेगे जहाँ पर पंच कल्याणक महोत्सव व महातीर्थ का शिलान्यास10 मार्च से 16 मार्च के मध्य कार्यक्रम सम्पन्न होगा मुनि श्री ने सकल दिगम्बर जैन समाज को कार्यक्रम मे उपस्थित होने की बात कही है.
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