संवाददाता: दिलीप कुमार
इटावा : देश भर में आए मानसून के साथ बरसात का पानी सभी राज्यों में चारों ओर ही अपना रौद्र रूप दिखा रहा है । इसी क्रम में राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़ा गया बरसात का ढाई लाख क्यूसेक पानी राष्ट्रीय चम्बल नदी के जल स्तर को अब लगातार बढ़ाता ही जा रहा है जो कि आस पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए एक चिंताजनक स्थिति भी है,नदी किनारे बसे ग्रामीणों को अब इन हालातों में पूरी रात जागकर ही काटनी पड़ रही है ।
राजस्थानके कोटा बैराज डैम से ढाई लाख क्यूसेक के पानी छोड़े जाने से चंबल नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ के हालात बन गए है जिससे जनपद इटावा में नदी किनारे बसे करीब एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके है और नदी का जल स्तर निरंतर ही बढ़ता जा रहा है नदी किनारे के गांव में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी भर चुका है बाढ़ ग्रस्त ग्रामों में रहने वाले लोग अब इस परिस्थिति में गांव से पलायन करने को भी मजबूर हैं ।
लोग अपनी जरूरत के समान को लेकर पलायन करते भी नजर आ रहे है वहीं इसी को देखते हुए इटावा जिला प्रशासन अब अलर्ट मोड पर भी आ चुका है और जिला प्रशासन ने जनहानि नियंत्रण के लिए 24 × 7 कंट्रोल रूम और कई अस्थाई बाढ़ चौकियां भी स्थापित की है। बाढ़ से ग्रसित इलाकों में प्रमुख रूप से भरेह, कांयछी, करील की मड़ैया और बंसवारा प्रमुख गांव है।
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