सड़क युद्ध के दौरान बाजार के प्रतिष्ठानों पर मचाया राक्षसी उत्पात
संवाददाता आशीष कुमार इटावा
जसवंतनगर : अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मैदानी रामलीला में बुधवार को नगर की सड़कों पर राम और रावण की सेनाओं के बीच जमकर युद्ध दर्शाया गया। रामलीला मैदान में रावण का सर्वाधिक बलशाली भाई कुंभकरण, राम के साथ युद्ध करते हुए मारा गया।
6 माह तक सोने और 6 माह तक जागने वाला रावण का भाई कुंभकरण तथा राम के बीच सड़कों से लेकर रामलीला मैदान तक कई घंटे तक युद्ध का प्रदर्शन किया गया। इसके उपरांत राम के हाथों कुंभकरण का वध किया गया। रावण के सेनापति दुर्मुख का वध भी रामलीला मैदान में दर्शाया गया। इससे पूर्व दोपहर 1 बजे दशानन सैन्य छावनी से कुंभकरण और मेघनाथ सहित रावण की सेना अपने अस्त्र शस्त्रों सहित युद्ध के लिए निकली।इस दौरान पूरे नगर में राक्षस सेना ने लोगों पर कोड़े बरसाए। युद्ध करते करते कुंभकरण बाजार में स्थित कई प्रतिष्ठानों पर भी पहुंच गया और वहां राक्षसी प्रवृत्ति के तहत हाहाकार मचा दिया फिर कुंभकरण ने अपनी सेना के साथ माता केला त्रिगमा देवी मंदिर में पहुंचकर हवन पूजन किया। इसके उपरांत कटरा पुख्ता स्थित भगवान नरसिंह मंदिर पहुंचे और राम लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारा। वहां से नगर की सड़कों पर युद्ध की लीला प्रारंभ हुई इस दौरान जमकर युद्ध लीला का प्रदर्शन किया गया। नगर के युद्ध के दौरान कुंभकरण की भूमिका क्रमशः शुभ गुप्ता और अलौकिक गौर ने बखूबी निभाई।
रामलीला मैदान में भी बुधवार को खचाखच भीड़ भरी हुई थी दशकों में ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। कई घंटे तक मैदान में भी युद्ध लीला का प्रदर्शन किया गया जो रात्रि लगभग 8 बजे तक चला। मंगलवार को भारी बारिश की वजह से रामलीला मैदान के कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे इस कारण लीलाओं के संपन्न किए जाने में कुछ परिवर्तन किए गए। महानवमी होने के कारण नगर में शंखवार समाज की ओर से जवारे निकाले गए बड़ा चौराहा से जब देवी के जवारे निकल गए , परंपरागत तरीके से तब राम लक्ष्मण का विमान चौराहे को पार कर रामलीला मैदान की ओर आगे बढ़ा।
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