ब्यूरो संवाददाता
इटावा: ग्रामीण व शहरी इलाकों में गो-वंश तेजी से लंपी वायरस के चपेट में आ रहे हैं। अलग-अलग हिस्सों में तीन दर्जन से अधिक पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण पाये गये हैं। बीमारी बढ़ने से पशु पालन विभाग और पशु पालक दोनों ही परेशान हैं। हालांकि विभाग रोकथाम के लिए टीका लगाया है, लेकिन इसके बावजूद बीमारी का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लंपी के चलते किसान और अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है। पशुओं में होने वाली घातक बीमारी लंपी का खौफ जिले में दिखने लगा है। अब तो ये हाल हे की लम्पी के लिए दवाइयों का ब्लाक स्तर पर टोटा साफ़ साफ दिखाई देने लगा है, यहा तक की उपचार के नाम पर आने वाले चिकित्सक भी कहने लगे हे की ब्लाक में लम्पी वायरस की द्वइयो का स्टॉक ही नही है। ग्रामीण इलाकों के साथ साथ अब इसका प्रकोप शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लंपी से ग्रसित जानवर खुले में घूमते नजर आ रहे हैं और नगरपालिका, पशुपालन विभाग दोनों ही इन आवारा पशुओं पर चुप्पी साधे बैठा है। जिससे आवारा पशुओं में अधिक वायरस का संचार हो रहा है।
सीवीओ डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि अब तक 160 पशुओं में लक्षण नजर आ रहे हैं। जबकि 2 गोवंश की मौत हुई है। बीमार गोवंश को उपचार दिया गया है। चिकित्सकों और पैरा वालंटियर की टीम ने गौशाला में अभियान के तहत गोवंश का टीकाकरण पूरा कर लिया है। केयर टेकरों को बताया गया है कि किसी भी पशु को तकलीफ होने पर तुरन्त बतायें। जिससे समय रहते उपचार हो सके। पशुओं में लगातार लक्षण पाये जाने से जिला प्रशासन सतर्क हो गया है।
राजस्थान, हरियाणा में इस वायरस का खतरा काफी तेजी से फैल रहा है। यूपी सरकार के निर्देश पर जिले में 90 हजार वैक्सीन के डोज भेजे गए थे। पशु गणना के अनुसार 104600 पशु मौजूद हैं जिनमें से 90 हजार पशुओं को अब तक टीका दिया जा चुका है। पशु पालन विभाग ने छूटे हुए पशुओं के टीकाकरण के लिए वैक्सीनेशन टीमों को ग्रामीण इलाकों में भेजना शुरू कर दिया है।
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