संवाददाता: मनोज कुमार
जसवन्तनगर(इटावा): गणपति बप्पा मोरया अगली बरस जल्दी आना जल्दी आना की गूंज के साथ रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश को श्रद्धालुओं ने अश्रुपूरित नम आंखों से जल में विसर्जित किया और बोल रहे थे गणपति बप्पा मोरया अगली बरस जल्दी आना जल्दी आना जयकारों की गूंज से जसवन्तनगर गंगनहर सिरहौल पुल पर शासन प्रशासन की कड़ी निगरानी में भगवान श्रीगणेश की मूर्तियां विसर्जित को जा रही थीं मूर्ति विसर्जन के लिए नहर में गोताखोरों के द्वारा मूर्ति जल में ले जाकर विसर्जित की जा रही थीं मूर्ति विसर्जन का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
भगवान श्री गणेश के भक्तों ने ग्यारह दिन तक घरों में विराजमान किए थे नगर में देहात से अपने अपने वाहनों में गणेश जी की मूर्तियां रख करके बेंड बाजो व डीजे की धुन के साथ भक्तगढ़ महिला व पुरुष नृत्य करते हुए अपने इस्ट को विसर्जन के लिए नगर की सड़कों पर जुलूस के रूप में निकल रहे थे।
कस्बा के प्राचीन सिद्धपीठ त्रिगमा कैला गमा देवी मंदिर में पधारे गए गौरी पुत्र भगवान श्रीगणेश को पहले हवन पूजन व आरती के साथ शानदार सिंहासन पर विराजमान कराया गया। जिसमें कमेटी के सदस्यों के अलावा नगर के सभी भक्तजन मौजूद रहे।
गणेश जी को विसर्जन से पहले छप्पन भोग लगाया गया। दोपहर दो बजे के बाद उनकी विदाई शुरू की गई। जो बैंड बाजे और डीजे के साथ नगर में भ्रमण किया जिसमें महिलाएं पुरुष नाचते हुए श्रीगणेश की विदाई कर रहे थे। दो किलोमीटर का रास्ता लगभग 4 घंटे में पूरा करक़े ग्राम सिरहौल पुल के पास पहुंचे यह स्थान शासन में प्रशासन ने विसर्जन हेतु नियुक्त किया था। यहां पर भी मेले की बहुत भारी भीड़ रही। शासन ने गणेश भगवान को विसर्जन के लिए वह गोताखोरों को नियुक्त कर रखा था। घाट पर पहुंच कर कैला देवी मंदिर की कमेटी ने आरती उतार कर व धूमधाम से अश्रुपूरित नेत्रों क़े साथ अगले वरस जल्दी आने क़े बायदे क़े साथ आतिशबाजी व पटाखों से विदाई दी।
मंदिर पर वापस आने क़े वाद जो भंडारा तैयार किया गया था। उस प्रसाद का वितरण किया गया। प्रसाद को पाने क़े लिए जन सैलाव उमड़ा था।
इस दौरान पुलिस प्रशासन की कडी व्यवस्था भी चाक चौबंद रही। उपजिलाधिकारी कौशल किशोर, तहसीलदार, क्षेत्रधिकारी अतुल प्रधान व थाना प्रभारी मुकेश सोलंकी देर शाम तक विसर्जन स्थान पर मौजूद रहे।
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