संवाददाता: मनोज कुमार
इटावा/जसवंतनगर : नगर की ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध रामलीला में शनिवार को वालि वध, रावण हनुमान संवाद, लंका दहन, अक्षय संवाद की लीलाए दिखाई गयी।
शनिवार को आयोजित रामलीला मैदान में प्रथम दृश्य में सुग्रीव से मित्रता निभाते हुए प्रभू श्री राम ने वालि का वध किया क्यो कि दुराचारी वालि ने अपने भाई सुग्रीव की पत्नी का अपहरण कर अपने पास रख लिया था वालि वध के बाद माता सीता की खोज में निकले श्री राम की आज्ञा पाकर हुनमान जी समुद्र पार करते हुए लंका में प्रवेश करते ही कई प्रकार के राक्षसों का सामान करते हुए लंका में पहुंच गए वहाँ पहुंचकर हनुमान वृक्ष के ऊपर से राम की निशानी अंगूठी सीता जी के निकट गिरा देते हैं। अंगूठी देख सीता हनुमान को राम का दूत मानकर प्रभु की कुशलक्षेम पूछतीं हैं। और हनुमान को आशीर्वाद प्रदान करती है। इसके बाद हनुमान माता सीता की आज्ञा पाकर अशोक वाटिका में लगे फलों को तोड़कर खाने लगते है और अशोक वाटिका में लगे पेड़ उखाड़ने के साथ ही अक्षय कुमार का वध कर देते हैं।रावण के पास जब यह खबर पहुंचती, तो वह अपने पुत्र इंद्रजीत मेघनाथ को भेजता है मेघनाद ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके वानर हनुमान को पकड़ लंका दरबार लाता है।
रावण के दरबार मे हनुमान और रावण के बीच संवाद होता है। रावण कहता है ये दूत बनकर लंका में प्रवेश किया है दूत को मारा नही जाता है रावण हनुमान को दूत बताकर हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देते है। पूंछ में आग लगते ही वीर हनुमान जय श्रीराम कहते हुए अपनी पूंछ को बड़ा कर, सोने की लंका का दहन कर रावण का अहंकार तोड़ देते है और स्वर्णमयी लंका कोयले के ढेर में बदल जाती है।
इस बार रामलीला मैदान में लंका दहन में बेहतरीन उत्कृष्ट क्वलिटी की आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया जिसका नगर व दूर-दराज से आये दर्शको ने आनंद लिया।आतिशबाजी चलने के दौरान पुलिस की चाक चौबन्ध व्यवस्था रही। रामलीला के मैदान में रामलीला में रावण के पात्र के रूप में अवधेश शुक्ला कानपुर, हनुमान अभिषेक तिवारी कानपुर बाली शिवा, सुग्रीव शिवानंद,अक्षय कुमार छोटू, मेघनाद मनी ने अभिनय किया।
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