संवाददाता रिषी पाल सिंह
इटावा : विश्व हिंदी परिषद एवं पंजाब नेशनल बैंक किसान प्रशिक्षण केंद्र सैफई के संयुक्त तत्वाधान में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी का वैश्विक परिदृश्य : विविध आयाम विषयक का भव्य कार्यशाला का आयोजन सैफई में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्राचार्य चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज हैंवरा सैफई की गरिमामई उपस्थिति रही। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी को आज हम विश्व का नेतृत्व करने वाली भाषा के रूप में देखते हैं। आज दुनिया की आबादी के हिसाब से हर छठा व्यक्ति हिंदी बोलने और समझने लगा है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि अनुप मिश्रा उप मंडल प्रमुख, पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि हिंदी लगातार वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति और ताकत बढ़ा रही है। हम लोग हिंदी में कार्य के लिए दृढ़ संकल्पित है।
डॉ नन्दकिशोर साह ने विषय वस्तु पर शोध आलेख प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा हिंदी अनेकता में एकता के मूल्यों को स्थापित करती है। सभी भाषाएं आपस में मां-बहने हैं। हिन्दी दक्षिण के तेलुगु, कन्नड़, मलयालम की बड़ी बहन है, सौतन नहीं है। इन सब की मां संस्कृत है। संस्कृत भारतीय भाषाओं की ही नहीं अपितु संसार की अनेक भाषाओं की जननी है। कोई भी भाषा लादी या थोपी नहीं जा सकती, वह तो स्वाभाविक रूप से मुंह से निकलती है। बच्चा जब पहली बार बोलता है, तब मां कहता है। यह स्वाभाविक भाषा है। यही हिंदी है। यही स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा है। भाषा लोगों को जोड़ने का काम करती है।
रंजीत कुमार केवट भाषा अधिकारी, पंजाब नेशनल बैंक ने हिंदी की रोजगार संबंधित संभावनाओं को रेखा अंकित किया उन्होंने कहा कि हिंदी के पीछे विशाल दुनिया है। हिंदी कोई क्षेत्रीय भाषा नहीं है, उसके कई बड़े द्वार हैं, जो दुनिया की तरफ खुलते हैं।
विपिन कुमार यादव निदेशक किसान प्रशिक्षण केंद्र ने अतिथियों को धन्यवाद व्यापित किया। कार्यशाला का संचालन निहारिका शुक्ला ने किया। हिंदी सेवियों को सम्मानित किया गया है।
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