ब्यूरो संवाददाता
इटावा: समाजसेवा को समर्पित डा . सूरज प्रकाश जी की जयंती के अवसर पर तुलसी शाखा द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने की भारत विकास परिषद की संकल्पना को साकार रूप देने को गायन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ।
भारत विकास परिषद के संस्थापक डा . सूरज प्रकाश जी के 105 वे जन्मदिवस को परिषद की तुलसी शाखा ने स्थानीय यंग जीनियस एकेडमी में फल एवं बिस्कुट वितरित कर हर्षोल्लास से मनाया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि व परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष इन्द्र नारायण पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि प्रांतीय महिला गतिविधि संयोजक डॉ स्नेहलता उमराव ने भारत माता, स्वामी विवेकानन्द और डा. सूरज प्रकाश जी के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया साथ ही राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम का गायन किया गया।
मुख्य अतिथि ने डा . सूरज प्रकाश जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी सदस्यों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने को प्रेरित किया। उनकी जयंती मनाए जाने के बाद गायन कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। विशिष्ट अतिथि डॉ स्नेहलता ने तुलसी शाखा द्वारा आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने को लेकर प्रारम्भ की जा रही प्रशिक्षण कार्यशाला की प्रशंसा की और कहा कि आज की पीढ़ी गायन, वादन से दूर हो रही है जबकि लय, ताल और शास्त्रीय संगीत जो भारतीय संस्कृति व समाज की पहचान है उसे हमें फिर से सीखना चाहिए। कार्यशाला के बारे में कुशल संगीत शिक्षिका डॉ करुणा बंसल ने संगीत में कैरियर के विषय में और संगीत चिकित्सा के विषय में विस्तार से बताया। म्यूजिक थेरेपी पर हो रहे शोधों के विषय में जानकारी दी और बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के विभिन्न रागों का प्रयोग अब विभिन्न रोगों की चिकित्सा में भी किया जा रहा है।
कार्यशाला में गुरु वंदना, सरस्वती वंदना, भजन, देश भक्ति गीत, और शास्त्रीय गायन शैली के अंतरगत ख्याल गायन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला शास्त्रीय संगीत के साधकों के लिए बहुमूल्य साबित होगी।
इस आयोजन का सफल संचालन नीलिमा चौधरी ने किया। कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक आयोजित किए जाने में जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ ध्रुव कुमार गुप्ता, शशी दीक्षित, आशा अग्निहोत्री, शिक्षिका रश्मी, अंजू चौधरी एवं पंकज कुमार सिंह चौहान सहित अन्य तुलसी सदस्यों व विद्यालय परिवार का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम संयोजिका एवं विद्यालय की प्रधानाचार्य देशकुमारी का विशेष योगदान रहा। समापन अवसर पर विद्यालय में आए सभी अतिथियों का उन्होंने आभार व्यक्त किया।
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